निकाय चुनाव के नतीजों से एक बात साफ हो गई है कि गुजरात बीजेपी का गढ़ है और फिलहाल इस गढ़ में कोई दूसरी पार्टी सेंध नहीं लगा सकती. नतीजों से साफ है कि गुजरात में बीजेपी का तिलिस्म तोड़ पाना कांग्रेस तो क्या फिलहाल किसी विपक्षी दल की बस की बात नहीं है.
अहमदाबाद समेत 6 महानगर पालिका (मनपा) की कुल 576 सीटों पर 21 फरवरी को वोट डाले गए थे. 6 में से 5 महानगर पालिका यानी अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा, जामनगर और भावनगर में बीजेपी को बहुमत मिल गया गया है. सूरत में आम आदमी पार्टी (AAP) 18 सीटों पर आगे होकर दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है. उसने कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेल दिया है.
कांग्रेस को क्यों हुआ नुकसान?
सूरत में 2015 के चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस को नुकसान हुआ है. पाटीदार आरक्षण समिति (पास) ने चुनाव से पहले कांग्रेस का विरोध किया था. जबकि, आम आदमी पार्टी ने बड़ी चाल चलते हुए पाटीदार उम्मीदवारों को टिकट दिए और उसी क्षेत्र को केंद्र में रखकर प्रचार किया. यही वजह रही कि आम आदमी पार्टी यहां कांग्रेस से भी आगे निकल गई. पिछले निकाय चुनाव में सूरत की 120 सीटों में बीजेपी को 80 और कांग्रेस को 36 सीटें मिली थीं.
हार्दिक का नहीं हुआ हार्दिक स्वागत!
पिछले साल जुलाई में हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. पाटीदार आरक्षण आंदोलन से चर्चित हुए हार्दिक ने पूरे गुजरात में निकाय चुनाव के लिए जमकर प्रचार अभियान चलाया, लेकिन नतीजों से साफ है कि हार्दिक का लोगों ने हार्दिक स्वागत नहीं किया.
पाटीदार समुदाय के गढ़ सूरत में भी मिली मायूसी
अहमदाबाद में हार्दिक पटेल ने पूरी ताकत झोंकी थी. उन्होंने सभी वार्ड में रैलियां की. नुक्कड़ सभा भी कीं. फिर भी कांग्रेस को यहां करारी शिकस्त मिली. वोटों की गिनती में तो एक वक्त पर एआईएमआईएम प्रत्याशी भी कांग्रेस उम्मीदवार से आगे निकलते दिख रहे थे. वहीं, बात करें सूरत की तो, तो यहां भी कांग्रेस की सूरत नहीं बदल पाई. पाटीदार समुदाय के गढ़ में भी कांग्रेस को आम आदमी पार्टी ने झटका दिया.
आप का बढ़ा कद
गुजरात नगर निगम चुनावों के नतीजों से तो साफ है कि आम आदमी पार्टी ने का कद बढ़ा है. ऐसे में आम आदमी पार्टी के पास अपने आधार को बढ़ाने के लिए ये जीत किसी बूस्टर से कम नहीं है. कांग्रेस ने इन चुनावों के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. वहीं दूसरी तरफ AAP के लिए नतीजे उत्साहित करने वाले हैं.
ओवैसी के अरमानों पर फिरा पानी
गुजरात निकाय चुनाव में पहली बार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने भी उम्मीदवार उतारे थे. पहले तो अहमदाबाद में कई सीटों पर ओवैसी की पार्टी आगे चल रही थी, मगर फिर सभी उम्मीदवार पीछे हो गए. पार्टी को मुस्लिम बहुल इलाकों में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन नतीजे से साफ है कि ओवैसी के अरमानों पर पानी फिर चुका है.
FINAL RESULT
जामनगर 64
बीजेपी – 50 जीत
कांग्रेस- 11 जीत
BSP-3 जीत
FINAL RESULT
भावनगर 52
बीजेपी – 44 जीत
कांग्रेस – 8 जीत
FINAL RESULT
भावनगर 52
बीजेपी – 44 जीत
कांग्रेस – 8 जीत
FINAL RESULT
सूरत 120
बीजेपी – 55 जीत
कांग्रेस – 0 जीत
आप- 25 जीत