आम बजट 2021 में स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र को दी गई प्राथमिकता से स्वास्थ्य क्षेत्र के सभी लोग खुश हैं. इस बार पिछले साल के मुकाबले हेल्थ बजट को 137 फीसदी बढ़ाया गया है साथ ही कोविड वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं.
नई दिल्ली. आम बजट 2021 (Aam Budget 2021) से सबसे ज्यादा खुश चिकित्सा क्षेत्र के लोग हैं. इनका कहना है कि पहली बार स्वास्थ्य (Health) पर फोकस करने वाला बजट पेश किया गया है. यह हेल्थ का हेल्दी बजट है. इस बार 2, 23, 886 करोड़ रुपये का बजट सिर्फ स्वास्थ्य और सेहत के लिए तय किया गया है. जबकि पिछली बार यह सिर्फ 94452 करोड़ रुपये था. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं (Healthcare Services) के लिहाज से भारत के आम लोगों के लिए इस बजट में 10 अच्छी चीजें हुई हैं. जिनकी जानकारी सभी लोगों को होनी चाहिए.
स्वास्थ्य पर एतिहासिक बजट
न्यूज 18 हिंदी से बात करते हुए पूर्व स्वास्थ्य सचिव केंद्र सरकार जेवीआर प्रसाद राव का कहना है कि यह एतिहासिक बजट है. पहली बार ऐसा लगा कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता ही नहीं दी गई बल्कि पूरा बजट ही स्वास्थ्य पर है. यह भारत के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की दिशा में अच्छा कदम है. हालांकि अभी यह सामने नहीं आया है कि बजट में से कितना राज्यों को और कितना हिस्सा केंद्र को मिलेगा. स्वास्थ्य राज्यों का विषय है. ऐसे में अगर राज्यों को बजट का बड़ा हिस्सा दिया जाता है तो निश्चित ही लाभकारी होगा. जेवीआर प्रसाद कहते हैं कि एक जरूरी चीज यह भी है कि यह बजट ज्यादा से ज्यादा प्राइमरी स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च हो. ताकि गरीब से गरीब लोगों को बेहतर इलाज मिले.
कोविड वैक्सीन को 35 हजार करोड़ के साथ वैश्विक महामारी को मुंहतोड़ जवाब
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पूर्व निदेशक एम सी मिश्र कहते हैं कि सरकार की ओर से कोरोना वैक्सीन के लिए दिए गए 35 हजार करोड़ रुपये इस बात को पुष्ट करते हैं कि यह कोरोना को करारा जवाब है. जिस महामारी के आगे पूरी दुनिया झुक गई उसकी वैक्सीन बनाकर पहले ही भारत ने उपलब्धि हासिल कर ली है.

आम बजट 2021 में भारत में कोविड वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं. कॉन्सेप्ट इमेज.
अब वैक्सीनेशन के लिए इतना पैसा देकर इतना तो तय है कि देश में सरकारी ढांचे के तहत टीकाकरण कराने वाले लोगों को कम से कम कोरोना वैक्सीन तो निशुल्क मिलेगी.
100 देशों को वैक्सीन, बढ़ेगा विदेशी मुद्रा भंडार
वरिष्ठ स्वास्थ्य पत्रकार निशि भाट कहती हैं कि भारत में बनी कोरोना वैक्सीन को सौ अन्य देशों में भेजा जाएगा. इससे कई चीजें होंगी. भारत की चिकित्सा क्षेत्र में एक बार फिर साख मजबूत होने के साथ ही भारत में विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ेगा. यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. विदेश नीति नए आयाम पर होगी. ऐसे में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूती मिलेगी. इसे सेहत वाला बजट भी कहा जा सकता है क्योंकि 2.23 लाख करोड़ के स्वास्थ्य बजट को पेश करते हुए देश की आर्थिक स्थिति को स्वास्थ्य के सहारे पार उतारने की कोशिश की गई है.
मेडिकल क्षेत्र में जॉब बढ़ेंगी
बजट पर अपोलो अस्पताल के चेयरमैन प्रताप सी रेड्डी कहते हैं कि बजट में स्वास्थ्य पर किया गया यह फोकस देश को मेडिकल सुरक्षा देने में कारगर है. यह जॉब पैदा करने में ईंधन का काम करेगा और इकॉनोमी को बूस्ट करेगा. कोविड वैक्सीनेशन के लिए भारी भरकम बजट भारत को विश्व में एक मॉडल के रूप में पेश करेगा. हालांकि अब हमें नॉन कॅम्यूनिकेवल डिसीसेस से पैदा होने वाले संकट को देखना चाहिए जिससे 80 फीसदी मौतें होती हैं.